#Quote

ऐ दोस्त तुझ को रहम न आए तो क्या करूँ दुश्मन भी मेरे हाल पे अब आब-दीदा

Facebook
Twitter
More Quotes
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं
अक़्ल कहती है दोबारा आज़माना जहल है दिल ये कहता है फ़रेब-ए-दोस्त खाते
दुश्मन से ज्यादा खतरनाक वो है, जो दोस्त बनाकर धोखा देते है
दुश्मन से ज्यादा खतरनाक वो है, जो दोस्त बनकर धोका देते है।
दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या किया रोज़ झूटी ख़बर-ए-वस्ल सुना जाते
दुश्मन से ज्यादा खतरनाक वो है, जो दोस्त बनकर धोका देते
आ गया ‘जौहर’ अजब उल्टा ज़माना क्या कहें दोस्त वो करते हैं बातें जो अदू करते
दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में जितने होते हैं सिवा उतने ही कम होते
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल