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न कर फ़िक्र की जमाना क्या सोचेगा, ज़माने को अपनी ही फ़िक्र से फुरसत कहाँ!

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अजीब दस्तूर है ज़माने का, अच्छी यादें पेनड्राइव में और बुरी यादें दिल में रखते है
हौंसले जिनके चट्टान हुआ करते है, रास्ते उनके ही आसान हुआ करते है, ए नादान ! न घबरा इन परेशानियों से, ये तो पल भर के मेहमान हुआ करते है!
हर कामयाबी पर तुम्हारा नाम होगा, तुम्हारे हर कदम पर दुनिया का सलाम होगा,
अंधेरे को कोसने से बेहतर है की एक दिया जलाया जाए!
खुद को समय जरुर दे, आपकी पहली जरुरत खुद आप है!
अपनी मेहनत और हुनर से इतने काबिल बन जाओ कि कोई भी अमीर आदमी तुम्हारी मेहनत और हुनर को खरीद ना सके।
आज के समय, लोग अपने ज़िंदगी के तकलीफो, समस्याओ में कुछ इस तरह उलझे है, की उन्हें अपनी ज़िदगी के सही निर्णय लेने की समझ ही नहीं रही|
डट कर करना सामना तुम मुश्किलों का, एक दिन वक्त भी तुम्हारा गुलाम होगा
हार मत मानो, हंमेशा अगला मौका ज़रूर आता है!
एक व्यक्ति द्वारा स्वामी विवेकानंद से पूछा गया, सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है ? स्वामी जी ने उत्तर दिया की “वो ऊमीद खोना जिसके भरोसे पर हम सब कुछ वापस पा सकते है!