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मैंने कुछ वक्त चुप रहकर भी देख लिया, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता
क्यां हुआ जो हम अब अजनबी बन गए, इतनी जल्दी दूरियाँ बढ़ गई
कुछ लोग डायरी इसलिए लिखते है, क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता
तुम्हारे बगीचे में भी खुशबु रहती है, मेरे रोग में भी भरोसा रहता है
जो लोग ठोकर खाकर भी चलते रहते हैं, वही एक दिन मंजिल पाते हैं।
किसी को मनाने से पहले यह जरुर जान लेना, की वह तुमसे नाराज है या परेशान
दर्द तब और भी गहरा होता है जब, हमें अपने ही लोगो से धोखा मिलता है
दुनिया की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाती है, एक कामयाबी ही है जो ठोकर लगने के बाद आती है।
टूटा हुआ दिल और मुस्कुराते हुए चहरे वाले व्यक्ति से, ज्यादा मजबूत कुछ भी नहीं है
जो लोग ठोकर खाकर भी चलते रहते हैं, वही एक दिन मंजिल पाते हैं