More Quotes
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
तुम से जो मोहबत थी ना,
समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,
छुपा रहा हूं इश्क अभी सबसे पर एक दिन सरेआम तुम्हें लेने आऊंगा
मैं प्यार का इस्तीफा
इससे ज्यादा इश्क का सबूत और क्या दूं साहब मैंने उसके जिस्म को नहीं उसकी रूह को चुना है
अब ऐसे नफरत जताते हो
मैं इश्क लिखूं और उसे हो जाए काश मेरी शायरी में कोई ऐसे खो जाए
मगर लोग मोहब्बत का सुबूत ज़रूर मांगते है।