#Hindi Quote

न जाने कितने ही रिश्ते खत्म कर दिये इस भ्रम ने कि मैं सही हूं, सिर्फ मैं ही सही हूं

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कितने अजीब हैं ये जमाने के लोग, खिलौना छोड़ कर जज़बातों से खेलते है।
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
कुछ रिश्ते ऊपर बनते है कुछ रिश्ते लोग बनाते है, वो लोग बहुत ख़ास होते है जो बिना रिश्ते के रिश्ता निभाते है!
झूठ इसलिए बिक जाता है, क्योंकि सच खरीदने की हैसियत सबकी नही होती।
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
हमारा तो एक ही उसूल है, माँ-बाप के अलावा सब रिश्ते फ़िज़ूल है
इंसान का ‘ज़मीर’ और शतरंज का ‘वज़ीर’ एक जैसा होता है क्योकी अगर दोनो मर गए, तो खेल खत्म
गलतियाँ जीवन का एक हिस्सा है, पर इन्हें स्वीकार करने का साहस बहुत कम लोगों में होता है।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में, बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल न हो सका
क्रोध हमेशा मूर्खता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है।