#Hindi Quote

इंसान का ‘ज़मीर’ और शतरंज का ‘वज़ीर’ एक जैसा होता है क्योकी अगर दोनो मर गए, तो खेल खत्म

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कभी भी शादियों के भोजन की बुराई मत करना, कोई पिता वर्षो कमाता है एक दिन की दावत के लिए।
न जाने कितने ही रिश्ते खत्म कर दिये इस भ्रम ने कि मैं सही हूं, सिर्फ मैं ही सही हूं
सारी उम्र गुज़री यूं ही रिश्तों की तुरपाई में, मन के रिश्ते पक्के निकले, बाकि उधड़ गए कच्ची सिलाई में
पैरों से कांटा निकल जाए तो चलने में मज़ा आता है, और मन से अहंकार निकल जाए तो जीवन जिने में मज़ा आता है।
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
गुरुर किस बात का साहब, आज मिट्टी के उपर, तो कल मिट्टी के निचे
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो. सहारे कितने भी भरोसेमंद हो, एक दिन साथ छोड़ ही जाते है!
गलतियाँ जीवन का एक हिस्सा है, पर इन्हें स्वीकार करने का साहस बहुत कम लोगों में होता है।
हजारों ख़्वाब टूटते हैं, तब कहीं एक सुबह होती है.
हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है