#Hindi Quote

झूठ इसलिए बिक जाता है, क्योंकि सच खरीदने की हैसियत सबकी नही होती।

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न जाने कितने ही रिश्ते खत्म कर दिये इस भ्रम ने कि मैं सही हूं, सिर्फ मैं ही सही हूं
हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है
क्रोध हमेशा मूर्खता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है।
उस जगह पे हमेशा खामोश रहना, जहाँ दो कौड़ी के लोग अपनी हैसियत के गुण गाते हैं
जीवन की एक कड़वी सच्चाई, यहां झूठ आसानी से बिक जाता है और सच को कोई खरीदना नहीं चाहता।
जिंदगी में हर जगह हम जीत चाहते है..सिर्फ फूलवाले की दुकान ऐसी है, जहाँ हम कहते है की हार चाहिए..क्योकि हम मगवान से जीत नहीं सकते
वक्त जब शिकार करता है हर दिशा से वार करता है.
गुरुर किस बात का साहब, आज मिट्टी के उपर, तो कल मिट्टी के निचे
हजारों ख़्वाब टूटते हैं, तब कहीं एक सुबह होती है.
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।