#Hindi Quote
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शायद ये चेहरा मेरा नहीं है लेकिन कुछ चेहरे देखकर मुझे मेरा चेहरा बदलने का मन करता है।
न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
और क्या देखने को बाक़ी है आप से दिल लगा के देख लिया
सपने वो नहीं होते जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।
सबकुछ कुछ नहीं से शुरू हुआ
समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,