#Hindi Quote

मुझपर बहुत जिम्मेदारियां थी मेरे घर की, माफ करना मैं तेरे इश्क में मर नहीं सकता

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जीवन का सच न तो सुनाया जा सकता है और न ही पढ़ा जा सकता है, उसे समझना होगा।
सहमी हुई थी झोपड़ी बारिश के खौफ से, मेहलो की आरजू थी के बारिश जरा जम के बरसे
दिल कहता है मैसेज कर दू उसे, दिमाग कहता है हर बार जलील होना ठीक नहीं
बड़ी अजीब होती है ये यादें, कभी हसा देती है, कभी रुला देती है
प्यार वेदना का रूप ले सकता है, पर बिना दर्द के तो आँसू भी नहीं बहेंगे।
सबर मेरा कोई क्या ही आजमाएगा, मैंने हंस के छोड़ा है उसे जो मुझे सबसे प्यारा था
खाली जेब लेकर निकलो कभी बाजार में, जनाब वहम दूर हो जाएगा इज्जत कमाने का
ज़िंदगी ना कर जिद उनसे बात करने की, वो बड़े लोग हैं अपनी मर्जी से बात करेंगे
आदमी गलती कर के जो सीखता है, वो किसी और तरह से नहीं सीख सकता।
यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं की, खैरियत पूछने वाला आपकी खैरियत भी चाहता हो