#Hindi Quote

ईश्वर से कोई भी प्रेम कर सकता है क्योंकि वह आपसे कुछ नहीं मांगता। पर अपने पास खड़े व्यक्ति से प्रेम करने की कीमत जीवन से चुकानी पड़ती है ।

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जिन लोगों को प्यार नहीं मिलता, सिर्फ वो ही ऐसी कल्पना करते हैं कि ईश्वर प्रेम है। प्यार तो एक मानवीय भावना है।
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो, मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो, दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात, मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो.
केवल वे ही लोग, जो अपने दिमाग का कचरा किनारे रख सकते हैं, वास्तव में प्रेम और करुणा के काबिल होते हैं ।
आपके प्यार करने की, लोगों तक पहुँचने की, जीवन को अनुभव करने की क्षमता की कोई सीमा नहीं है। सीमाएँ सिर्फ शरीर और मन की होती हैं ।
सोचता हूं आज इश्क जता दूं क्या तुमसे मोहब्बत है यह तुम्हें बता दूं क्या..
एक व्यक्ति द्वारा स्वामी विवेकानंद से पूछा गया, सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है ? स्वामी जी ने उत्तर दिया की “वो ऊमीद खोना जिसके भरोसे पर हम सब कुछ वापस पा सकते है!
जिस व्यक्ति का लालच खत्म, उसकी तरक्की भी खत्म.
अगर खुशी के आंसुओं ने, प्रेम के आंसुओं ने, परमानंद के आंसुओं ने आपके गालों को नहीं धोया है, तो आपने अभी तक जीवन का अनुभव नहीं किया है ।
प्रेम कोई सहूलियत का साधन नहीं है। यह खुद को मिटाने की एक प्रक्रिया है ।
प्रेम कोई काम नहीं बल्कि एक गुण है ।