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रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ए मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ।
सपना बड़ा रखो तकलीफ़े छोटी पड़ जाएगी।
जीत की उम्मीद रखते हो बहाने बनाके चलने का शौक है क्या।
शायद ये चेहरा मेरा नहीं है लेकिन कुछ चेहरे देखकर मुझे मेरा चेहरा बदलने का मन करता हैI
लगी है आग सीने में, तो दिखना भी चाहिए, ताकि इसकी चिंगारी से दूसरे भी जल सकें।
मुस्कुरा कर देखो ज़िन्दगी जीने का मजा भी आएगा और मंजिल भी मिल जाएगी।
आपको सब मालूम है, बस सही वक्त पर सही राह दिखाने वाला चाहिए।
सही फैसले लेने वाले कभी मुड़कर नहीं देखते, बस आगे बढ़ते जाते हैं।
अनुभव मिलेगा गर काम बड़ा करोगे वरना छोटे काम का कोई हिसाब नहीं है यहाँ।
थी गर तेरे अन्दर हिम्मत तो बैठा क्यों था थोड़ा मुझे जश्न सफ़लता का करने तो देता।