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झूठ और दिखावे की रफ्तार कितनी भी तेज हो, पर मंजिल तक केवल सच ही पहुँचता है
अगर आपने सफर शुरू कर ही दिया है तो बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि वापस आने में जितनी दूरी तय होगी क्या पता मंजिल उससे भी पास हो.
मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।
मंजिल दूर और सफर बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है,
जो लोग ठोकर खाकर भी चलते रहते हैं, वही एक दिन मंजिल पाते हैं ।
रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ए मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ
एक ही मंज़िल तक कई रास्ते जाते हैं, तू रास्ता बदलकर तो देख तू पहुंचेगा ऊंचाइयों तक, दोबारा चलकर तो
सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओ के शहर, चलना भी जरुरी है मंजिल पाने के
सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओ के शहर, चलना भी जरुरी है मंजिल पाने के लिए!
जब रास्तों पर चलते चलते मंजिल का ख्याल ना आये तो आप सही रास्ते पर है।