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झूठ और दिखावे की रफ्तार कितनी भी तेज हो, पर मंजिल तक केवल सच ही पहुँचता है

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अगर तू चलने के लिए तैयार हो तो, मंजिल तुम्हारे सामने झुकने के लिए तैयार हो जायेगी
मैले कपडे फिर भी चल जाएंगे मगर मैला मन लंगड़ा
शब्द ही इंसान का आइना होते हैं, शक्ल तो उम्र और समय के साथ बदल जाती है
ज़िंदगी जो देदे ख़ुशी से ले लेना चाहिए मगर बदले में जो आपसे बन सके
अगर आप खुश रहना चाहते हो तो आपको अपना मन इस दुनिया से नहीं
आप कितने भी अच्छे इंसान हो पर किसी ना किसी के लिए बुरे जरूर होंगे, क्योंकि लोग हमेशा अपने स्वार्थ के अनुसार आपके बारे में सोचते हैं
घर की बाते जब मोहल्ले में पहुंच जाएंगी तो जमे जमाए घर की
सुख निर्मल सुबह की भाँति होता है, जो माँगने पर नहीं जागने पर मिलता है
सबकी नकल की जा सकती है, लेकिन चरित्र, व्यवहार, संस्कार और ज्ञान की नकल नहीं हो सकती
कठिन समय में जब मन से धीरे से आवाज आती है ‘सब अच्छा होगा’ वही आवाज परमेश्वर की होती है