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गलतफहमी बहुत थी के अपने बहुत है, आज मुड़कर पीछे देखा तो एक साया ही हमसफ़र निकला

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रोटी तो हर कोई कमाता है लेकिन कुछ ही लोग रोटी परिवार के साथ बैठ कर खाते है
भाग्य तो आजकल सब बनाते है पर, अपना परिवार कोई कोई बना पाता है
जब परिवार में स्वार्थ के विवाद हो जाता है, तो धीरे धीरे परिवार बिखर जाता है
हमारा तो एक ही उसूल है, माँ-बाप के अलावा सब रिश्ते फ़िज़ूल है
तुम मोहब्बत की बात करते हो आजकल के लोग रिप्लाई भी शक्ल देखकर करते है
सफ़र जिंदगी का छोटा था उसके साथ, आर वो शख्स एक याद सा हो गया पूरी जिंदगी के लिए
जीवन के वो पल बहुत ख़ास होता है, जब परिवार आपके साथ होता है
कोई तुम्हारा साथ न दे तो गम न कर, खुद से बड़ा दुनिया में कोई हमसफ़र नहीं होता!
जिंदगी भर जिनको प्यार दिया, धोखा दिया उसीने जिस पर भरोसा किया
आज इंसान ही परेशान है क्योंकि, रिश्ते में जो गर्मी होनी चाहिए वो हमारे दिमाग में है