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गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा सा सब्र तो रख, जब खुशियों ही नहीं रुकी तो गम की क्या औकात है

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गिरना अच्छा है, औकात का पता चलता है, हाथ थामे रखने वाले कितने है, इस बात का पता चलता है!
नारी के बलिदान को वही सम्मान मिलता है, जहाँ बहनों ने खुद से पहले भाई की खुशियों को रखा हो।
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!
तेरा इंतजार करता हूँ रोज रातों में, खुद को सांसों में समेटा हुआ देखता हूँ
आंसूं किसी के दुःख को समझता नहीं है, और न ही किसी की ख़ुशी को
खुशियों का कोई रास्ता नहीं होता, खुश रहना ही इसका सबसे बड़ा मंत्र है..।
तुम्हारे बगीचे में भी खुशबु रहती है, मेरे रोग में भी भरोसा रहता है
कुछ लोग डायरी इसलिए लिखते है, क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता
हालातो ने खो दी इस चहेरे की मुस्कान, वरना जहां बैठते थे रौनक ला दिया करते थे
हर ठोकर इस बात की चेतावनी देती है, की अब संभाल जाओ