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दोस्ती का कोई मज़हब नहीं होता।
मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं, बुद्धिमान ख़ुद पर।
जिसने भी किया है कुछ बड़ा वो कभी किसी से नहीं डरा।
किसी भी चीज़ के लिए अपनी अहमियत को कम मत समझो, क्योंकि आत्मसम्मान से बड़ा और कुछ है !
अनुभव मिलेगा गर काम बड़ा करोगे वरना छोटे काम का कोई हिसाब नहीं है यहाँ।
जहाँ भी आज़ाद रूह की झलक पड़े समझना वह मेरा घर है।
विवेक प्रशिक्षण का परिणाम नहीं है, बल्कि इसे हासिल करने का आजीवन प्रयास है। - अल्बर्ट आइंस्टीन
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पार है
तेरे बिना मैं क्या हूँ केवल शून्य से बढ़कर, तेरे साहस में मैं हूँ, बहना अनंत से बढ़कर
चिंता चिता समान है।