#Quote
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कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.
इतना कामयाब जरूर बनना कि, कोई कामयाब की धौंस न दिखा पाये।
न जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने ! जितने भी मुझसे वादे किये थे सब फ़र्ज़ी निकले.
हार मत मानो, हंमेशा अगला मौका ज़रूर आता है!
देर से बनो लेकिन जरूर कुछ बनो, लोग वक्त के साथ खैरियत नहीं पूछते है, वे हैसियत पूछते हैं
उम्मीद से बढ़कर निकली तुम तो ! मैंने तो सोचा था दिल ही तोड़ोगी तुमने तो मुझे ही तोड़ दिया
अगर आपका रास्ता सही है, तो मंजिल आज नहीं तो कल जरूर मिलेगीI
मुश्किल वक्त में सबसे बड़ा सहारा है उम्मीद, जो यह विश्वास दिलाती है कि सब अच्छा होगा!
उम्मीद छोड़ी हैं तुमसे मोहब्बत नहीं.