More Quotes
दुख तो मुफ्त में मिलते है लेकिन सुख की कीमत तो देनी ही
रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ए मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा
कितने अजीब हैं ये जमाने के लोग, खिलौना छोड़ कर जज़बातों से खेलते है।
कितना अजीब है लोगों का अंदाज-ऐ-मोहब्बत, रोज एक नया जख्म देकर कहते हैं अपना ख्याल रखना
दुनिया में प्यार से ज़्यादा दर्द कुछ
दुःख छुपाने के कमाल को हसी कहते
लोग शादी करते हैं क्योंकि वे प्राकृतिक शक्तियों का प्रतिरोध नहीं कर पाते, हालांकि उनमें से बहुत से लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि वे संभवत
हम आने वाले ग़म को खिंचतान कर आज की ख़ुशी पे ले आते है, और उस ख़ुशी में ज़हर घोल
अजीब फितरत है लोगों की, अपनी गलती पर वकील बनते हैं और दूसरे की गलती पर जज बनते हैं!
जिंदगी उस अजनबी मोड़ पर ले आई है, तुम चुप हो मुझसे और मैं चुप हूँ सबसे!