#Hindi Quote
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रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ए मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा
जो श्रम से लजाता है, वह सदैव परतंत्र रहता है।
हमे तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जाणते मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बीना।
पैरों से कांटा निकल जाए तो चलने में मज़ा आता है, और मन से अहंकार निकल जाए तो जीवन जिने में मज़ा आता है।
सदैव अकेले खड़े होने का साहस कीजिए, दुनिया ज्ञान देती है, साथ नहीं
कितना अजीब है लोगों का अंदाज-ऐ-मोहब्बत, रोज एक नया जख्म देकर कहते हैं अपना ख्याल रखना
वक़्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिये। पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिये।
आजाद रहिए विचारों से लेकिन बंधे रहिये संस्कारों से।
समय का चक्र बहुत तेजी से चलता है, इसलिए ना कभी बल का अहंकार करें, ना धन का
लोग आपके रास्ते मे गड्ढे खोदे तो परेशान मत होना क्योंकि ये वही लोग हैं जो आपको छलांग लगाना सिखाएंगे