#Hindi Quote

भूल होना प्रकृति है, मान लेना संस्कृति है, और सुधार लेना प्रगति है!

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एक व्यक्ति द्वारा स्वामी विवेकानंद से पूछा गया, सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है ? स्वामी जी ने उत्तर दिया की “वो ऊमीद खोना जिसके भरोसे पर हम सब कुछ वापस पा सकते है!
खुद को समय जरुर दे, आपकी पहली जरुरत खुद आप है!
कोई तुम्हारा साथ न दे तो गम न कर, खुद से बड़ा दुनिया में कोई हमसफ़र नहीं होता!
चिकित्सा की कला में रोगी का मनोरंजन करना होता है जबकि प्रकृति रोग को ठीक करती है। वोल्टेयर
जीवन लम्बा होने की बजाये, महान होना चाहिए!
अंधेरे को कोसने से बेहतर है की एक दिया जलाया जाए!
जिसे हारने का डर है, उसकी हार निश्चित है!
आज के समय, लोग अपने ज़िंदगी के तकलीफो, समस्याओ में कुछ इस तरह उलझे है, की उन्हें अपनी ज़िदगी के सही निर्णय लेने की समझ ही नहीं रही|
हार मत मानो, हंमेशा अगला मौका ज़रूर आता है!
न कर फ़िक्र की जमाना क्या सोचेगा, ज़माने को अपनी ही फ़िक्र से फुरसत कहाँ!