#Hindi Quote
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मुझपर बहुत जिम्मेदारियां थी मेरे घर की, माफ करना मैं तेरे इश्क में मर नहीं सकता
ताकत आवाज़ में नहीं अपने विचार में रखो.. क्योंकि फसल बारीश से होती है बाढ़ से नहीं…
ज़िंदगी ना कर जिद उनसे बात करने की, वो बड़े लोग हैं अपनी मर्जी से बात करेंगे
कुछ पल का साथ देकर तुमने, पल पल के लिए बेचैन कर दिया
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना, क्या होता है अकेला पन।
किस्मत की लकीरों पर ऐतबार करना छोड़ दिया, जब इंसान बदल सकते हैं तो किस्मत क्यों नहीं
वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हु मै, उसे क्या पता ओढ़ कर चादर रो रहा हु में
बड़ी अजीब होती है ये यादें, कभी हसा देती है, कभी रुला देती है
बस इसलिए हम कुछ नहीं कहते तुमसे, तुम समांझोगे नही और हम रो देंगे