#Hindi Quote
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जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगे और पराये अपने लगने लगे, तो समझ लीजिए विनाश का समय आरंभ हो गया है।
हर रक्षा बंधन मैं अपने मन के भीतर तुम्हारी सुख, समृद्धि का संकल्प लेता हूँ।
ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है
रोटी तो हर कोई कमाता है लेकिन कुछ ही लोग रोटी परिवार के साथ बैठ कर खाते है
तेरे होने से ही मेरे घर परिवार में खुशियां हैं क्योंकि बहना तू मुझे मिला खुशियों का वरदान है ।
परिवार और दोस्त छिपे हुए ख़ज़ाने हैं, जो तकलीफ या परेशानी में सबसे पहले सामने आते हैं।
मिट्टी का मटका और परिवार की क़ीमत ! सिर्फ बनाने वाले को ही पता होती है, तोड़ने वाले को नहीं.
जीत जाए या हार जाए इंसान की ख्वाहिश होती है की अपने परिवार के पास जाय।
जब परिवार में स्वार्थ के विवाद हो जाता है, तो धीरे धीरे परिवार बिखर जाता है
बहना मेरी हर सुबह की भोर हो तुम, हर सवालों का जवाब और मेरे मन में उठा शोर हो तुम