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मैं वो खेल नहीं खेलता जिसमे जीतना फिक्स हो, क्योंकि जीतने का मजा तब हैं, जब हारने का रिस्क हो.

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मछलियां भी खुश हो गयी ये जानकर, की आदमी ही आदमी को जाल में फ़साने लगा हैं.
दुनिया चुप रहती कब हैं, कहने दो जो कहती हैं.
पूरी दुनिया नफरतों में जल रही है, फिर भी जाने कैसे ठंड लग रही है.
मैं वो खेल नहीं खेलता, जिसमे जीतना फिक्स हो, क्योंकि जीतने का मजा तब हैं, जब हारने का रिस्क हो
बहुत मुश्किल होता है, उस व्यक्ति को हराना जिसे चलना बुरे वक्त ने सिखाया हो.
कभी-कभी घटिया लोगो का इलाज, घटिया तरीके से ही करना पड़ता है.
अगर ज़िन्दगी में कुछ पाना है तो अपने तरीक़े बदलो इरादे नहीं.
जब लोग आपसे खफा होने लग जाए, तो आप समझ लेना की आप सही राह पर हैं.
माफ़ बार बार करों, मगर भरोसा सिर्फ एक बार.
मैं वो खेल नहीं खेलता जिसमे जीतना फिक्स हो, क्योंकि जीतने का मजा तब हैं जब हारने का रिस्क हो!