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अपार आशाओं का खेल था सारा, मैंने इस खेल को समझा और देखते ही देखते जीत मेरी ही हुई।

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हवाओं ने मुझे हताश करने की बहुत कोशिश की, मैं वह परिंदा बना जिसने ऊंची उड़ान भरना सही समझा।
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।
अभी तो असली उड़ान बाकी है, परिंदे का इम्तिहान बाकी है, अभी अभी तो लांघा है समुंदर, अभी तो पूरा असमान बाकी है!
अपार आशाओं का खेल था सारा, मैंने इस खेल को समझा और देखते ही देखते जीत मेरी ही हुई
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।
वह सबसे अच्छा चिकित्सक है जो आशा का सबसे सरल प्रेरक है। — सैमुअल टेलर कोलरिज
खुश रहा करो उनके लिए जो अपनी खुशी से ज्यादा आपको खुश देखना चाहते है।
अपार आशाओं का खेल था सारा, मैंने इस खेल को समझा और देखते ही देखते जीत मेरी ही हुई ।
समाज के एक धड़े ने मुझे रोकने के अनेको प्रयास किए, हकीकत तो ये है कि समाज ने ही मुझे आज सफल बनाया है।
आशाओं की किरण ओझिल हो नहीं सकती नारी भी कभी यूँ ही अवला हो नहीं सकती मेरी बहन को देखा मैंने, जो वीरांगना की परिभाषा हैं उसके होने पर मैं निर्भय, वो मेरी विजय की आशा है