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नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
उम्मीद की बस एक किरण ही काफी है , आपकी आँखों में आयी नमी को सुखाने के लिए।
हर आदमी के अपने गुप्त दुख होते हैं जिन्हें दुनिया नहीं जानती; और कई बार हम किसी आदमी को कठोर समझते हैं जब वह केवल उदास होता है।
इश्क किया है तो तबाही से मत डर, और तबाह होना है तो जमके इश्क कर..!!!
वो किताबों में लिखा नहीं था , जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे !
आप चाहें जिस भी वस्तु की इच्छा करो, वह आपको आपके अपेक्षित रूप में नहीं मिलेगी. – हारुकि मुराकामी
अपने अंदर की आग को जलाए रखें, सफलता खुद-ब-खुद आपके पास आएगी।
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई, तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ नजर आती है !
दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से वो हो गया वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से
उम्मीद की बस एक किरण ही काफी है आपकी आँखों में आयी