#Hindi Quote
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ऐ दोस्त तुझ को रहम न आए तो क्या करूँ दुश्मन भी मेरे हाल पे अब आब-दीदा है
मुझे दोस्ती करनी हैं इस वक़्त के साथ
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है दोस्तों ने भी क्या कमी की है
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
तुझे कौन जानता था मिरी दोस्ती से पहले तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता’बीर भी है रिश्ता-ए-इश्क़ भी है याद की ज़ंजीर भी
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
मित्रता सबसे शुद्ध प्रेम है।