#Hindi Quote
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ज़िन्दगी तेरे भी कितने नखरे है, एक दिन हँसाकर महीनों रुलाती है।
सबसे बुरे दिनों का भी अंत होता है और सबसे अच्छे दिनों की शुरुआत भी ज़रूर होती ही है।
सूर्य की तरह बनो जो दिन कोई सा भी हो, पर कभी निकलना नहीं भूलता!
तेरी हंसी से ही मेरा दिन शुरू होता है, और तेरे बिना ये दुनिया सुनी सी लगती है ।
जो लोग ठोकर खाकर भी चलते रहते हैं, वही एक दिन मंजिल पाते हैं।
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को, उनकी किस्मत के पन्ने कभी कोरे नहीं होते!
अगर तू चलने के लिए तैयार हो तो, मंजिल तुम्हारे सामने झुकने के लिए तैयार हो
यदि तुम सूर्य को खो बैठने पर आँसू बहाओगे तो तारों को भी खो बैठोगे।– रवीन्द्रनाथ ठाकुर
लगन और मेहनत से हर असंभव काम को संभव किया जा सकता है!
मेहनत का फल और समस्या का हल, देर से ही सही लेकिन मिलता जरूर है!