#Hindi Quote
More Quotes
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता’बीर भी है रिश्ता-ए-इश्क़ भी है याद की ज़ंजीर भी
न जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने ! जितने भी मुझसे वादे किये थे सब फ़र्ज़ी निकले.
छुपाने लगा हूँ कुछ राज अपने आप से, जब से मोहब्बत हुई है हमें आप से !
एक पर्व ही बताता है कि ख्याल कितना है, वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तों में।
दोस्ती में भी उतार चढाव होते हैं। आपके मन अलग होते हैं, कभी कभी आप दोनों अलग हो जाते हैं, लेकिन फिर वापस एक साथ हो जाते हैं। यही तो दोस्ती हैं।
रूह तक कांप जाती है, तेरे ना होने के ख्याल को सोचकर ही,
सभी की खुशियों का ख्याल रखते-रखते हम बड़े हो जाते हैं, फिर एक दिन अचानक ही अपनी खुशी गायब हम पाते हैं।
न जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने ! जितने भी मुझसे वादे किये थे सब फ़र्ज़ी निकले !!
तुम्हें देखा तो मोहब्बत भी समझ आई, वरना इस लफ्ज़ की तारीफ सिर्फ ही सुना करता था मैं !
जो हर दिन कुछ न कुछ सीखता है, वो हमेशा जीतता है!