#Hindi Quote

गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!

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जिनके दिल पर चोट लगती है , वो अक्सर आँखों से नहीं दिल से रोते हैं .
अपने रिश्तो को उस ताले की तरह बनाओ जिसे हथोड़े की चोट तो मंजूर हो, मगर किसी दूसरी चाबी से खुलना मंजूर नहीं.
मैने वहां भी सिर्फ तुम्हे मांगा, जहां लोग खुशियां मांगते है
कुछ यादों को आप कभी नहीं छोड़ना चाहते, चाहें उसके लिए आपको कितनी ही पीड़ा क्यों न सहनी पड़े .
तुझे खोकर भी है एक तसल्ली मुझे अब मेरे साथ और क्या बुरा होगा
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!
दर्द कम नहीं हुआ है मेरा ! बस सहने की आदत हो गयी है !!
गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा सा सब्र तो रख, जब खुशियों ही नहीं रुकी तो गम की क्या औकात है
एक बात हमेशा याद रखना, आज जिसके लिए तुम अपना कीमती वक्त बर्बाद कर रहे हो ना, एक दिन उसी के पास आपके लिए वक्त नहीं होगा…!
वक्त भी कितना बेरहम है अच्छा हो तो गुजर जाता है बुरा हो तो ठहर जाता है !