#Hindi Quote

इन फासलों के पीछे सब फैसले तुम्हारे थे.

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ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा थाहमीं सो गए दास्तां कहते-कहते
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया.
जिंदगी रेल सी गुजर रही हैं, उम्मीदे स्टेशन सी छूट रहीं हैं.
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने.
लोग कहते हैं हमसे तुम बहुत बदल गए हो ! तो अब क्या टूटे हुए पत्ते रंग भी न बदलें.
मैं सही फैसले लेने में यकीन नहीं करता
बल्कि फैसले लेकर मैं खुद उन्हें सही कर देता हूँ। (रतन टाटा)
हँसकर दर्द छुपाने का हुनर मशहूर था मेरा ! पर कोई हुनर काम न आया जब तेरा नाम आया.
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है ! वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है.
आज टुटा एक तारा देखा, बिल्कुल मेरे जैसा था, चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा, बिल्कुल तेरे जैसा था.