#Hindi Quote
More Quotes
हर रक्षा बंधन मैं अपने मन के भीतर तुम्हारी सुख, समृद्धि का संकल्प लेता हूँ।
परिवर्तन कभी आसान नहीं होता, लेकिन हमेशा संभव होता है।
बोलो बहन कैसे कह दूँ कि मैं तुम्हारे बिना सभ्य हुआ, वास्तविकता तो यही है कि तुमसे ही सभ्यताओं का सृजन हुआ है।
किसी की निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को नहीं छोड़े, क्योंकि अक्सर लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की राय बदल जाती है।
पसंद उसे कीजिए जो हमारे में परिवर्तन लाये, वरना प्रभावित तो मदारी भी कर लेते है
मेरे भीतर पनपे विश्वास की जड़ तुम हो बहना, मेरी जीत का एकलौता श्रेय तुम हो बहना
ख़ुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।
ईमानदारी की इच्छाओं पर अडिग रहना तुम्हीं से सीखा है बहन तुम्हारे कदमों के निशान पर, मैंने मेरे वजूद को सींचा है -- मयंक विश्नोई
जिन पर होती है घरेलू हिंसा, मिलती हो जिनको प्रताड़ना सदा बहन उन्हीं की आवाज बनो तुम, वीरता से करो बुराई का सामना सदा -- मयंक विश्नोई
जिंदगी की खूबसूरती, हर कठिनाई को मुस्कान में बदलने में है।