#Hindi Quote
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कौन समझता है किसी को कोई यहां झूठे दिलासे, कोरा सा अपनापन मिलता है मुफ्त में यहां।
व्यक्ति कर्मों में जीता है वर्षों में नहीं
अस्तित्व की इस लड़ाई में एक संघर्ष दायित्व का भी है।
मैंने 'भगवान ' तो नहीं देखा फिर भी ' माँ ' के रूप मे उसका रूप देखा। मैनै ' जन्नत ' तो नहीं देखी फिर भी ' माँ ' के प्यार मे उसका ' दृश्य ' देखा
एतबार किया खता नहीं एतबार से बडी खता नहीं
ऐसी दुनिया का आगाज़ करो जो कल करो सो आज़ करो - चंदन की कलम
लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल
कहो कि कैसे गुजर रही है रात भारी या दिन है गम में, या हमारी तरह जिंदगी रेत सी यूं फिसल रही है।
पैसा" आज के जमाने में इज्ज़त भी पैसे देखकर किए जाते हैं, बिना पैसे के तो लोग ज़रूरत भी नहीं समझते। -तेजस्विनी कुमारी
अगर आप के पास ऐसा कोई है जो आप को दुःख मे नहीं देख सकता। तो आप ये सुनिश्चित अवश्य करे की उन्हें आप के वजह से दुःख कभी ना हो।