#Hindi Quote
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मेरी जिंदगी एक बंद किताब है, जिसे आज तक किसी ने खोला नहीं, जिसने खोला उसने पढा नही, जिसने पढा उसने समझा नही, और जो समझ सका वो मिला नहीं।
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते।
चाकू की धार से अधिक मोटा कुछ भी खुशी को उदासी से अलग नहीं कर सकता। – Virginia Woolf
अपार आशाओं का खेल था सारा, मैंने इस खेल को समझा और देखते ही देखते जीत मेरी ही हुई
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे किसी को रुलाकर हँसे तो क्या हँसे
अगर आप किसी का अपमान कर रहे है, तो वास्तव में आप अपना सन्मान खो रहे है
न जाने किस दरबार का चिराग़ हूँ मैं , जिसका दिल करता है जलाकर छोड़ देता है
जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते